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  • मौसम की मार झेल रही है जानकीनगर के किसान

    लालमोहन कुमार@जानकीनगर,पूर्णिया मौसम की मार झेल रही है जानकीनगर थाना क्षेत्र के किसान,मौसम के बदलते तेवर से इस बार धान रोपनी पर ग्रहण लगने जैसा दिख रहा है एक तरफ बारिश नहीं होने से धान रोपनी प्रभावित हो रही है तो वहीं कुछ किसान पंप सेट के माध्यम से धान रोपाई कर रहे हैं किसान


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    लालमोहन कुमार@जानकीनगर,पूर्णिया

    मौसम की मार झेल रही है जानकीनगर थाना क्षेत्र के किसान,मौसम के बदलते तेवर से इस बार धान रोपनी पर ग्रहण लगने जैसा दिख रहा है एक तरफ बारिश नहीं होने से धान रोपनी प्रभावित हो रही है तो वहीं कुछ किसान पंप सेट के माध्यम से धान रोपाई कर रहे हैं किसान धान रोपाई तो कर लेते हैं लेकिन खेत में नमी नहीं होने के कारण धान फिर से सूखने लगते हैं लाचार विवश होकर किसानों के द्वारा बार-बार पंप सेट के माध्यम से पानी दिया जा रहा हैl मौसम के बदलते तेवर से किसानों के होंठ सूखने लगे हैं यह सोचकर किसान की नींद हराम हो गई कि धान की खेती में लगी पूंजी डूब जाएगी और अगली फसल के लिए पूंजी का संकट उत्पन्न हो जाएगाl हालांकि किसान पंपसेट से पटवन कर धान की रोपनी कर रहे हैं पर इस पटवन से खेतों की नमी की जरूरत पूरी नहीं हो सकती हैl

    किसानों का मानना है इस साल अपने समय पर 13 जून को ही मानसून आ गया और 3 दिनों तक रुक रुक कर अच्छी बारिश भी हुईl इससे हम किसानों को लगा कि मानसून साथ देने वाला है मानसून के साथ खरीफ की खेती का दौर शुरू हो गयाl किसान पहले तो बिचड़ा गिराया और उसकी रोशनी भी शुरू कर दी,मगर देखते-देखते बारिश गायब हो गए और आसमान से आग बरसने लगेl आलम यह रहा कि बारिश से आई खेतों की नमी धीरे-धीरे खत्म होने लगी जिससे कई जगह तो बिछड़े भी मुरझाने लगेl          लादुगढ पंचायत के तेतराही गांव के 60 वर्षीय किसान गिरानंद ठाकुर ने बताया कि हमने अभी तक बारिश के ऐसा मौसम कभी नहीं देखा कि सिर्फ धूप ही धूप, पहले धूप रहता था तो बारिश भी होता था लेकिन धान रोपनी के समय में इस तरह का मौसम कभी नहीं हुआ है जो किसान पंपसेट से धान रोपनी किया है वह भी धान सूखने लगी है पंपसेट से कितना पानी देगा किसानl हालांकि किसान पंपसेट लगाकर धीरे-धीरे धान रोपनी कर रहे हैं लेकिन किसान भी मानते हैं कि धान की खेती में पंपसेट का पटवन से काम नहीं चलने वाला है रोपनी तो हो जाएगी पर इससे खेतों की नमी वापस नहीं लौट सकता है इस सीजन में खेतों को बारिश का पानी चाहिएl

    किसानों का कहना है की खरीफ की फसल मानसून पर ही निर्भर होती है खरीफ के लिए तैयार खेतों का कीचड़मय होना जरूरी है जिसमें धान की रोपनी सहज रूप से होती है, किसानों के माने तो मानसून की बारिश से ही धान की फसलों का बेहतर पैदावार हो सकता है शुरुआती दौर में इस बार मानसून मेहरबान तो हुआ पर बारिश बंद हो गई और आग उगलने जैसा धूप निकलने लगे हैंl
    वहीं किसान किशन यादव,अशोक यादव, सिकन्दर यादव, दिनेश यादव, रमेश यादव, विकास कुमार सहित अन्य किसानों ने कहा कि यदि कुछ दिन और पानी नहीं हुआ तो धान उत्पादन प्रभावित हो जाएंगेl अभी के समय में खेतों को पूर्ण रूप से नमी चाहिए और इसके लिए पर्याप्त बारिश की एकमात्र उपाय है क्योंकि पंपसेट के जरिए पटवन काफी महंगा होगा और इससे संभव भी नहीं होगाl कई किसानों ने बताया कि खेतों को पूर्ण रूप से नमी मिलना चाहिएl अभी पानी नहीं होने से धान के पौधे की वृद्धि पर असर होगाl अगर पौधे बच भी गए तो उसमें दाना कम आएंगेl
    यही हाल रहा तो इसका असर अगली फसलों पर भी पड़ेगा

    किसानों का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो इसका असर अगली फसलों पर भी पड़ेगाl जानकीनगर थाना क्षेत्र के रामपुर तिलक के किसान रामलाल राय,उपेंद्र शर्मा, सदानंद यादव के माने तो इस स्थिति में रोपनी प्रभावित होगी और उत्पादन भी पर भी असर होगाl जबकि हार्वेस्टिंग लेट हो जाएगाl किसानों के मुताबिक बारिश की किल्लत खरीफ के साथ रवि की खेती को भी प्रभावित करेगाl क्योंकि रवि के समय खेतों में नमी बिल्कुल नहीं रहेगीl

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