शंकरपुर,मधेपुरा/ समाज कल्याण विभाग बिहार के आह्वान पर समाज सुधार अभियान अंतर्गत दहेज प्रथा , बाल विवाह एवं लैंगिक संवेदीकरण विषय पर प्रखंड क्षेत्र के सोनवर्षा पंचायत के मध्य विद्यालय निसिहरपुर स्थित आंगनवाड़ी केंद्र संख्या दो पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से बताया गया कि 21वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की शादी को बाल विवाह माना जाता है शादी के समय कोई भी पक्ष यदि इनसे कम उम्र का है तो वह शादी बाल विवाह है।
इस दौरान नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताया गया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत यदि 18 साल से अधिक उम्र का कोई पुरुष किसी अवयस्क बच्ची से विवाह करता है तो उसके लिए सजा का प्रावधान है ।बाल विवाह को प्रोत्साहित करने वाले बिचौलिए, माता पिता ,अभिभावक ,सगे संबंधी, बाल विवाह संपन्न कराने धर्मगुरु, बैंड बाजा वाले, हलवाई ,टेंट, वाले विवाह भवन मालिक आदि बाल विवाह में भाग लेने वाले बाराती सराती, गांव समुदाय के सदस्य आदि के लिए भी सजा का प्रावधान है। जिसके तहत उपरोक सभी स्थितियों में 2 वर्ष तक के श्रम करावास या एक लाख तक का जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है।
नाटक के माध्यम से बताया गया कि ऐसे स्थिति में हमारी जिम्मेदारी है कि यदि हमें जानकारी मिलेगी निकट भविष्य में कोई बाल विवाह होने वाला है तो संबंधित अभिभावकों रिश्तेदारों पंचायत बाल संरक्षण समिति स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों शिक्षकों अधिकारियों धार्मिक गुरुओं समुदाय के बड़े बूढ़ों से भी बातचीत करनी चाहिए और उन्हें भी बाल विवाह रोकने के लिए समझाना चाहिए। साथ इस दौरान नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताया गया कि बाल विवाह से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी या सहयोग के लिए अपने जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुखिया, सरपंच, पार्षद ,महिला हेल्पलाइन स्वयं सहायता समूह आंगनवाड़ी केंद्र या टोल फ्री नंबर 181 पर संपर्क कर सकते हैं।
इस दौरान सांस्कृतिक ज्ञान विज्ञान समिति बिहार के अध्यक्ष मुरलीधर ने अपने संबोधन में आम लोगो से बाल विवाह रोक थाम को लेकर सहयोग करने का अपील किया ।मौके पर टीम लीडर रोहित नंदन,रमेश कुमार,विजय कुमार,इत्यानंद कुमार,पंकज कुमार, सोनेलाल रजक,सलेंद्र कुमार,अनिता कुमारी, छोटी कुमारी,अंजनी कुमारी के साथ साथ बाल विकास परियोजना के कर्मी सहित सैकड़ों के संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।