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अमृत पुरुष अमरेंद्र ने अंगिका को ऊंचाइयों तक पहुंचाया-डॉ रतन मंडल

अमृत पुरुष अमरेंद्र का हुआ सार्वजनिक अभिनंदन

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भागलपुर ब्यूरो/भागलपुर में हिंदी,अंगिका और उर्दू के 75 पुस्तकों के सर्जक और अमृत पुरुष अमरेंद्र का उनके 75 वें जन्मदिन पर सार्वजनिक अभिनंदन का आयोजन किया गया। अंगिका हिंदी और उर्दू साहित्य की विभिन्न विधाओं में अमृत पुरुष अमरेंद्र के योगदान पर विस्तार से चर्चा की गई। अंग प्रदेश के जन संगठन अंग जन गण और अंग मदद फाउंडेशन की ओर से भागलपुर की साहित्यिक विरासत के रूप में चर्चित भगवान पुस्तकालय के सभागार में आयोजित इस समारोह में अमृत पुरुष अमरेंद्र का मौके पर मौजूद उनके पाठकों और अनेक मित्रों ने चादर,पुष्पगुच्छ, मालाओं, स्मृति चिन्ह और अभिनंदन पत्र आदि देकर सार्वजनिक रूप से भव्य अभिनंदन किया। स्वागत भाषण गांधीवादी डा मनोज मीता ने किया।


इस मौके पर भागलपुर पटना गुड्डा सुल्तानगंज बांका आदि इलाकों से साहित्यकार कवि लेखक और पत्रकार शामिल हुए। समारोह के अध्यक्ष डॉक्टर शंभू दयाल खेतान ने डॉ अमरेंद्र के साहित्य में योगदान की चर्चा की और कहा कि उनके साहित्य में विविध रंग हैं। वे अंग प्रदेश के गौरव हैं और साहित्य की नई पीढ़ी के आधार स्तंभ हैं प्रेरक हैं। उन्होंने वरिष्ठ कवि चंद्रकांत राय और अमृत पुरुष अमरेंद्र के बीच साहित्य की विभिन्न विधाओं की मौजूदा स्थिति पर हुए सीधा संवाद के आयोजन की तारीफ करते हुए कहा कि अमरेंद्र ने सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया जो समारोह को अर्थवान बना गया। उन्होंने आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से दर्शकों और श्रोताओं को साहित्य की गहरी समझ सहज रूप से विकसित हो सकती है इसके पहले अमरेंद्र के अभिनंदन के लिए अभिनंदन पत्र का पाठ वरिष्ठ लेखिका डॉ मृदुला शुक्ला ने किया उन्होंने अभिनंदन पत्र में अमरेंद्र के व्यक्तित्व और कृतित्व के अनछुए पहलुओं की चर्चा की।

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समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद अति पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ समाज कर्मी डॉक्टर प्रोफेसर रतन कुमार मंडल ने अंगिका में अपनी बात रखते हुए कहा अमरेंद्र अंगिका के गौरव हैं। उन्होंने जो काम किया है वह विरले ही लोगों ने किया । उन्होंने इस बात पर अफसोस प्रकट किया कि हमारे जनप्रतिनिधि अंगिका के सवाल पर चुप्पी साधे हुए हैं । उन्हें इस भाषा के विकास के लिए लोकसभा और विधानसभा में जनता की आकांक्षाओं को आवाज देना चाहिए। विशिष्ट अतिथि और गांधी शांति प्रतिष्ठान भागलपुर के उपाध्यक्ष ऐनुल हुदा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा ऐसे आयोजन से नई पीढ़ी साहित्य से जुड़े गी और भागलपुर की भी शान बढ़ेगी।


लेखक और प्रसिद्ध छायाकार रंजन कुमार ने कहा कि अमृत पुरुष अमरेंद्र सिर्फ भागलपुर तक सीमित नहीं है। उन्हें देश के चोटी के साहित्यकार और विद्वान जानते है। इन्होंने साहित्य के लिए अपना जीवन पूरी तरह झोंक दिया है। अन्य वक्ताओं में वरिष्ठ छायाकार मनोज सिन्हा ,समाज सेवक सोपाल शैलेद्र प्रसिद्ध कलाकार मधुरेंद्र आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।अंग मदद फाउंडेशन की सचिव वंदना झा ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी साहित्यकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह का संचालन वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत और कुमार कृष्णन ने किया। आखिर में भगवान पुस्तकालय के सचिव आनंद कुमार झा बल्लो ने आयोजन की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों के लिए भगवान पुस्तकालय के दरवाजे सभी के लिए खुले हुए रहेंगे।

समारोह में बहुभाषी कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी रामरतन चूड़ी वाला ने चिंता प्रकट की कि नई पीढ़ी मोबाइल में उलझ कर रह गई है। उन्होंने साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने वाले आयोजन करते रहने की जरूरत बताई। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि दिनेश तपन ने की। संचालन राजकुमार ने किया। चंद्रकांत राय, रामअवतार राही, मधु लक्ष्मी, संयुक्त भारती, लता पराशर, रचना कुमारी, प्रदीप प्रभात, त्रिलोकीनाथ दिवाकर, प्रीतम विश्वकर्मा , हीरा प्रसाद हरेंद्र अजीत शान सहित अनेक कवियों ने कविता पाठ कर अमरेंद्र के अभिनंदन समारोह को महत्वपूर्ण बना गए।समारोह के पूर्व में भगवान पुस्तकालय परिसर स्थित भगवान चौबे और उग्र नारायण झा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई इन विभूतियों ने ही भगवान पुस्तकालय की नीव डाली थी।

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