चोरी के आरोपी किशोर को जेजेबी ने किया मुक्त

:: बिस्कुट खाने के लिये पैसे चुराने का था आरोप :: निर्मली थाना में दर्ज हुआ था केस

सुपौल। किशोर न्याय परिषद (जेजेबी) ने बिस्कुट खाने के लिए पैसे चुराने के आरोपी एक नाबालिग का वाद खत्म कर उसे मुक्त कर दिया। विधि विवादित किशोर के वाद को किया समाप्त। शनिवार को जेजेबी के प्रधान मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्रा और सदस्य अफसरी अल्ताफ की बोर्ड ने निर्मली थाना कांड संख्या 168/23 के आरोपी 12 वर्षीय किशोर के वाद को सुनवाई के बाद समाप्त कर उसे मुक्त कर दिया।

वाद के निष्पादन में पैनल अधिवक्ता सोनी कुमारी ने किशोर की तरफ से पक्ष को रखा था। निष्पादन के समय सहायक अभियोजन पदाधिकारी मनोज कुमार, बेंच क्लर्क प्रवीण राही और सुधांशु कुमार सुमन मौजूद थे।

किशोर को गुड्डे बिस्कुट खाने की थी इच्छा:

किशोर ने पूछताछ में परिषद को बताया था कि उसे गुड्डे बिस्कुट खाने का मन था इसलिए उसने चोरी की । किशोर को निरूद्ध करते हुए सामाजिक पृष्ठभूमि प्रतिवेदन परिषद में प्रस्तुत किया गया था। परिषद ने प्रथम दृष्टया प्रार्थी को किशोर पाया। परिषद ने उसे विधिक सहायता दिलाई। इसके बाद उसे पिता की अभिरक्षा में एक अंडरटेकिंग लेते हुए छोड़ा गया। साथ ही निर्देश दिया गया कि किशोर का नामांकन उसी स्कूल में कराया जाए जिससे उसका नाम कट गया था। स्कूल में नामांकन के बाद किशोर जब फिर परिषद में आया तो उससे किताबों के बारे में पूछा गया। उसने बताया कि किताबें नहीं मिली। एचएम का कहना था कि जिस दिन किताबें बंटी थी वह स्कूल नहीं आया था। अब किताबें खत्म हो गई हैं। इसके बाद परिषद की तरफ से किशोर को किताबें, कॉपियां, पेंसिल, रबर, स्कूल बैग, स्कूल शूज और मोजा दिया गया। किशोर की काउंसलिंग करते हुए परिषद ने उसे रोज स्कूल जाने को कहा।

जेजेबी ने डीईओ से पूछा गरीब छात्रों को क्या-क्या मिलती है सुविधा :
किशोर को किताबें नहीं मिलने को लेकर जेजेबी ने डीईओ को पत्र लिखा है। इसमें पूछा गया है कि क्या किताबें सिर्फ एक समय में बांटी जाती है। क्या नामांकन पंजी में नाम अंकित रहते हुए भी किताब बांटने के दिन अगर कोई छात्र अनुपस्थित रहता है तो उसे किताबें नहीं मिलेंगी ? डीईओ से यह भी पूछा गया है कि गरीब छात्रों को आपके यहां क्या-क्या सुविधा मिलती है ? किशोर का देखभाल एवं संरक्षण वाले बच्चे (सीएनसीपी) का सर्टिफिकेट बनावाने की बात पर उसके माता-पिता ने मना कर दिया।

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