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15 दिन में मेडिकल कॉलेज के हालात नहीं सुधरे तो होगा उग्र आंदोलन

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मधेपुरा। कोसी क्षेत्र के एकलौते सरकारी जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की कुव्यवस्था के खिलाफ नागरिक मंच ने शुक्रवार को धरना दिया। मेडिकल कॉलेज के पास दिए गए धरना के दौरान अस्पतालप्रबंधन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए गए। बाद में 11 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन भी अस्पताल अधीक्षक को सौंपा गया। इसमें 15 दिनों के अंदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार और मांगों की पूर्ति नहीं होने पर चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी भी दी गई।

धरना की अध्यक्षता नागरिक मंच राजेंद्र यादव और संचालन उपाध्यक्ष राहुल यादव ने किया। वक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अस्पताल के शिलान्यास और उद्घाटन के समय कहा था कि अब कोशी के मरीजों को इलाज के लिए कहीं बाहर नहीं जाना होगा लेकिन यह मेडिकल कालेज महज रेफरल अस्पताल बन कर रह गया है। वक्ताओं ने कहा कि मेडिकल कालेज अस्पताल के स्थापना हुए 4 साल से अधिक बीत चुके हैं। इतने दिन बीतने के बाद भी मधेपुरा और कोशी के आम लोगों को इलाज के लिए बाहर ही जाना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफरल अस्पताल बनकर रह गया है।

धरना कार्यक्रम को संरक्षक विजेंद्र प्रसाद यादव, प्रमोद प्रभाकर, गणेश मानव, रामचंद्र दास, आनंद मंडल, सिंहेश्वर प्रमुख इस्तियाक आलम, उप प्रमुख मुकेश कुमार, महासचिव अनिल अनल, अरविंद यादव, कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष विद्याधर मुखिया, अमेश यादव, पंकज यादव, सचिव निशांत यादव, संजीव कुमार, कृष्ण कुमार, रमेश शर्मा, पिंटू कुमार, वसीमुद्दीन आदि ने संबोधित किया।

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डॉक्टरों व कर्मचारियों की एप पर बने हाजरी : नागरिक मंच ने ई-शिक्षा कोष ऐप के तर्ज पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक और कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एप बनाने की मांग की। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि यहां के चिकित्सक हाजरी बना कर अस्पताल से गायब रहते हैं। इसलिए जरूरी है कि डॉक्टर और कर्मियों के रोस्टर को सार्वजनिक करते हुए उसे मुख्य द्वार और विभागों में प्रदर्शित किया जाना चाहिए । पूरा अस्पताल जूनियर डॉक्टर के सहारे चल रहा है। इसलिए जरूरी है कि ओपीडी और इमरजेंसी में सभी विभागों के सीनियर डॉक्टरों की उपस्थिति हो। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सभी विभागों में सीनियर चिकित्सकों का पदस्थापन हो।  इसमें न्यूरोसर्जन, गैस्ट्रोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, ऑर्थोपेडिक सर्जन, इंटरनल मेडिसिन आदि को प्राथमिकता दिया जाए।

मरीज बाहर से खरीद कर लाते हैं हड्डी जोड़ने वाला स्टील रॉड : वक्ताओं ने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिये आवश्यक उपकरणों की घोर कमी है। हड्डी जोड़ने वाला स्टील रॉड गरीब मरीजों को बाहर से महंगे दामों पर खरीद कर लाना पड़ता है। कई तरह की दवा भी बाहर से खरीदनी पड़ती है। दावा एयर एंबुलेंस उपलब्ध कराने का था, स्थिति यह है कि लोगों को एंबुलेंस भी नहीं मिल पाती है।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं :वक्ताओं ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं पर भी सवाल उठाया। कहा कि यहां मरीजों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। कई लिफ्ट खराब हैं। साफ सफाई की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एनजीओ द्वारा लूट की जा रही है। बिना काम के ही कई लोगों के नाम पर राशि ली जा रही है। 2019 में जो बहाली निकाली गई थी उसपर आज तक बहाली पूरी नहीं की गई।

मौके पर रामचंद्र मंडल, कुमारी विनीता भारती , रामकुमार यादव, नूतन सिंह, मुखिया मुकेश कुमार, भुनेश्वरी यादव, रामजी यादव, प्रकाश पिंटू, धर्मदेव यादव, अभिनंदन मंडल, सोनू कुमार, अमित कुमार, ई. मुरारी, माधव कुमार, वरुण मेहता, मो.दिशाद आलम आदि उपस्थित थे।

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