भगवान भरोसे सिंहेश्वर सीएचसी, ओपीडी सेवा रहा बंद

सिंहेश्वर,मधेपुरा/ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सीएचसी में इन दिनों डॉक्टरों की मनमानी चरम पर है. लगातार डॉक्टरों की लापरवाही सामने आ रही है. कभी कोई डॉक्टर मरीजों को हथियार के बल पर इलाज करता है तो कभी डॉक्टर अपने ड्यूटी को छोड़ दो दिनों से गायब रहते है. ताज्जुब की बात तो यह है कि डॉक्टरों को अपने वरीय पदाधिकारियों से किसी भी प्रकार का भय नहीं है. उक्त सारी बातें तब पता चला जब प्रखंड प्रमुख इस्तियाक आलम शिकायत के बाद लगभग 12.30 बजे अस्पताल में निरीक्षण के लिए पहुंचे.

जिस वक्त प्रखंड प्रमुख अस्पताल पहुंचे तो हतप्रभ हो गए जब बताया गया कि कोई डॉक्टर ओपीडी में नही है. जिस वजह से एक भी पुर्जा नही कट सका था. एक डॉक्टर के वजह से तीन कर्मी में एक ऑपरेटर, एक संजीवनी ऑपरेटर व एक नर्स बिना कार्य के पूरे दिन बैठे रह गए.

यह भी बात सामने आई की ओपीडी में दो डॉक्टर तैनात रहते है इसमें एक डॉक्टर दंत चिकित्सक रूपा कुमारी लगभग पांच दिन पहले से गायब है जबकि दूसरे दो दिन से गायब है. अब ओपीडी चले तो चले कैसे. हालांकि मंगलवार को डॉक्टर सरसिज नयनम के गायब रहने के वजह से प्रभारी चिकित्सा प्रभारी के द्वारा ओपीडी चलाया गया. जबकि दूसरे दिन प्रभारी को जिला में मीटिंग होने के वजह से जाना पड़ा. इस बीच ओपीडी पूरी तरफ से बंद रह गया. पहले दिन डॉक्टर सरसिज नयनम के बिना सूचना गायब होने के वजह से प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर रविन्द्र कुमार के द्वारा एक स्पष्टीकरण भी पूछा गया है. जिसमें बताया गया कि डॉक्टर मंगलवार को अपने कर्तव्य से अनुपस्थित पाए गए.

यह भी बताया कि रविवार को नया चिकित्सक कर्तव्य तालिका बनाया गया है. जिसका अनुसरण आपके द्वारा सोमवार को किया गया था. लेकिन मंगलवार को असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी मधेपुरा से बिना स्वीकृति प्राप्त किए आप कर्तव्य से अनुपस्थित पाए गए. जो आपके मनमानेपन, अनुशासनहीनता एवं स्वेच्छाचारिता का घोतक है. इस संबंध में 24 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में समर्पित करेंगे. इस मामले में 24 घंटा बीत गया लेकिन स्पष्टीकरण तो नही मिला डॉक्टर साहब दूसरे दिन भी गायब ही रहे.अब फिलहाल अस्पताल में प्रभारी को जोड़कर पांच डॉक्टर बच गए है. इसी में रात्रि और ओपीडी को देखना है.

वहीं दूसरी तरफ एक मामला 25 नवंबर का है जब डॉक्टर के द्वारा मरीज को देखने के लिए एक प्राइवेट शस्त्रधारी की जरूरत पड़ रही थी. इसमें भी डॉक्टर की मनमानी यह थी कि डॉक्टर ओपीडी कक्ष को छोड़ डॉक्टर आराम कक्ष से हीं मरीजों को देख रहे थे. मरीज कमरे के बाहर रहते थे और डॉक्टर साहब कमरे के अंदर से इलाज कर रहे थे. इससे अनुमान लगाया जा सकता है की मरीज डॉक्टरों से कितने संतुष्ट होते होंगे.

इस संबंध में सिविल सर्जन अब्दुस सलाम ने बताया कि ओपीडी बंद रहने की सूचना मिली है. उक्त डॉक्टर के विरुद्ध एक स्पष्टीकरण जिला से पूछा गया है. स्पष्टीकरण का जवाब मिलने तक डॉक्टर का वेतन बंद रहेगा. स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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