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वीर कुंवर सिंह एक अद्वितीय योद्धा थे- प्रमोद प्रभाकर

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मधेपुरा / भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव एवं जयंती पर याद किए गए  यहां वेदव्यास महाविद्यालय मधेपुरा के परिसर में वीर कुंवर सिंह विचार मंच के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में समाजसेवियों एवं बुद्धिजीवियों ने वीर कुमार सिंह को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान योद्धा और हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक बताते हुए उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी l

वीर कुंवर सिंह विचार मंच, मधेपुरा के अध्यक्ष प्राचार्य डॉo आलोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विचार मंच के संरक्षक एवं सीपीआई के राष्ट्रीय पार्षद प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि वीर कुंवर सिंह एक अद्वितीय योद्धा एवं 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक थे l 

वे 80 वर्ष की उम्र में कई बार युद्ध में अंग्रेजों को बुरी तरह पराजित कर दुनियां में मिसाल काइम किया ,उन्हें गुरिल्ला युद्ध का महारत हासिल था l

उन्होंने सभी धर्म, वर्ग एवं जाति को अपने सेना में उचित प्रतिनिधित्व दिया l उनकी देश भक्ति, वीरता एवं साहस सदैव हीं प्रेरणा स्रोत रहेगा l

इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष डॉo आलोक कुमार ने कहा कि कुंवर सिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध केवल निरंतर संघर्ष ही नहीं किया बल्कि उन्होंने देश भर के राजाओं, जमींदारों ,विभिन्न जाति और धर्म के बिखरे हुए लोगों, सेनाओं एवं किसानों को एक राष्ट्र सूत्र में पिरोने का भी काम किया l

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माया के अध्यक्ष युवा नेता राहुल कुमार ने कहा कि वीर कुँवर सिंह ने जिस वीरता, रण क्षेत्र की चतुराई, युद्ध कौशल, अपार साहस का परिचय दिया वह दुर्लभ है l

एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष निशांत यादव एवं एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हें ने कहा कि कुंवर सिंह उम्र के चौथेपन  में केवल तलवार ही नहीं उठाई, गोली लगी अपनी बांह हीं नहीं काटी,बल्कि मजदूरों और किसानों के उत्पीड़न और अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ संगठित आंदोलन का आगाज किया और युद्ध में अंग्रेजो को छक्के छुड़ाए l

अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष डाo धर्मेंद्र कुमार राम ने कहा कि वीर कुंवर सिंह 18 57 के आंदोलन के पूर्व हीं किसानों और मजदूरों के बीच लोकप्रियता प्राप्त कर चुके थे, जो अंग्रेजों के विरुद्ध  युद्ध में बड़ी भूमिका निभाई l

वार्ड सदस्य संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि 1857 में विद्रोही सेना के जगदीशपुर पहुंचते हीं वीर कुँवर सिंह ने शीघ्र उनका नेतृत्व संभाला और अंग्रेजों के खजाने पर कब्जा जमा लिया तथा आरा जेल से कैदियों को रिहा कर अपनी सेना को बहुत हीं मजबूत बना लिया l

मौके पर विचार मंच के महासचिव वीरेंद्र नारायण सिंह एवं सचिव धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अंग्रेज अधिकारी मेजर विसेंट आयर ने कहा था कि बाबू कुंवर सिंह युद्ध कला का जादूगर है, हम लोग वीर कुंवर सिंह के सामने असहाय हैं l

कार्यक्रम में मजदूर नेता दिलीप पटेल ,युवा नेता रंजीत सिंह गुड्डू, छात्र नेता सोनू कुमार, नवीन कुमार, जितेंद्र कुमार ने कहा कि हमें कुंवर सिंह जैसे शख्सियत एवं महान योद्धा पर फक्र है आज देश के अंदर इसी तरह की जज्बे की जरूरत है l

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