नई दिल्ली/सार्क देशों के पत्रकारों के संगठन सार्क जर्नलिस्ट फोरम ने अपनी बैठक में अपना सम्मेलन दिल्ली में जनवरी माह में करने का निर्णय लिया है। इस सम्मेलन में नेपाल, बंग्लादेश, भूटान,श्रीलंका मालदीव और अफगानिस्तान समेत देश भर के पत्रकारों के शामिल होने की उम्मीद है। जनवरी माह में होने वाले इस सम्मेलन की लगभग सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है और पत्रकार संगठनों से राय भी मांगी गयी।
इस सम्मेलन के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज के हिन्दी विभाग को संयुक्त आयोजक के रूप में चुना गया है। संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू लामा ने तैयारियों को लेकर संतोष जाहिर किया और आशा जताई है कि सम्मेलन काफी सफल रहेगा। इस सम्मेलन से दक्षेस देशों में पत्रकारिता की स्थिति और उसके समक्ष चुनौतियों को भी जाना जा सकेगा।
भारत के अध्यक्ष अनिरुद्ध सुधांशु ने बताया कि दक्षेस राष्ट्रों के पत्रकारों को एक साथ एक मंच पर आने से पत्रकारिता के क्षेत्र में एक नई क्रांति होगी। हम इस सम्मेलन में भारत का ही प्रतिनिधित्व नही कर रहे हैं बल्कि उन तमाम पत्रकारों का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो भारत के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं। हम सम्मेलन में भारत भर से पत्रकारो को आमंत्रित कर रहे हैं कि वो हमारे साथ आयें और पत्रकारिता के अधिकारों के लिए संघर्ष में खड़े हो। दिन व दिन पत्रकार और पत्रकारिता पर हो रहे हमले को का भी डट कर मुकाबला करने के लिए पत्रकार हित मे कानून बनाने की मांग भी करें।
सार्क जर्नलिस्ट फोरम इंडिया और भूटान के पत्रकारों के एक डेलिगेशन की मुलाकात नई दिल्ली के होटल में हुई। भूटानी डेलीगेट के प्रमुख रिंगजिंग वांगचुक और इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष अनिरुद्ध सुधांशु ने इस मुलाकात को बहुत दोनों देशों के पत्रकारों के लिए बहुत अहम बताया। इस दौरान भूटान में पत्रकारिता की स्थिति पर चर्चा हुई और वहाँ के पत्रकारों को भारत आने का न्योता भी दिया।
भारत आये ये भूटानी पत्रकार भारत के विभिन्न हिस्सों में घूमकर नया सीखने और जानने को लालायित थे। उन्होंने इस मुलाकात पर खुशी की और भारत मे होने वाले सम्मेलन में हिस्सा लेने की सहमति भी जतायी। भारत के इंडिया चैप्टर के उपाध्यक्ष जकारिया जी ने कहा कि हम कॉन्फ्रेंस में हर तरह से सहयोग करेंगे और संगठन को ऊंचाई पर ले जाएंगे।