धनबाद, झारखंड प्रतिनिधि/शिल्पे अनन्या तथा लिंडसे क्लब के युग्म तत्वावधान में धनबाद में आयोजित त्रिदिवसीय राष्ट्रीय लिटल मैगजीन मेले के द्वितीय दिन आकर्षण का केंद्र बना रहा। प्रो (डॉ) देबज्योति मुखर्जी के लाइफस्किल के उपर दिया गया व्याख्यान । प्रो मुखर्जी लाइफस्किल क्या, क्यों, कब, कहां, कैसे और किसके लिए पर विशेष रूप से विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि आपके जीवन की परिस्थितियों, आपकी संस्कृति, विश्वास, आयु, भौगोलिक स्थिति आदि के आधार पर कुछ कौशल आपके लिए अधिक या कम प्रासंगिक हो सकते हैं। कोई भी कौशल जो आपके जीवन में उपयोगी हो उसे जीवन कौशल माना जा सकता है। अपने जूते के फीते बांधना, तैरना, कार चलाना और कंप्यूटर का उपयोग करना, अधिकांश लोगों के लिए उपयोगी जीवन कौशल हैं। मोटे तौर पर, ‘जीवन कौशल’ शब्द का प्रयोग आमतौर पर जीवन की चुनौतियों से अच्छी तरह और प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक किसी भी कौशल के लिए किया जाता है।

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प्रो (डॉ) देबज्योति मुखर्जी ने कहा कि जीवन कौशल शिक्षा एक प्रकार का ऐसा कौशल हैं। जिसके अंतर्गत बालक को उचित जीवन निर्वहन करने योग्य एवं जीवन से सम्बंधित क्रिया कलापो को सुव्यवस्थित ढंग से करने की क्षमता विकसित की जाती हैं।
लाइफस्किल बच्चे से ले कर बूढ़े तक सभी को जरूरत है । युवा लाइफस्किल सिख कर अपने जिंदगी में प्रतिष्ठा हासिल कर सकते हैं। जिंदगी के हर पड़ाव में अलग अलग लाइफस्किल सेट की जरूरत पड़ती है।
मेले के आयोजक डॉक्टर दीपक सेन ने बताया प्रोफेसर मुखर्जी का प्रोग्राम हम लोगों के मेले में चार चांद लगा दिया । मेले में देश के कोने कोने से बुद्धिजीवी, साहित्यकार, प्रकाशक तथा संस्कृति कर्मी मौजूद थे ।
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