Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/kositimes/web/kositimes.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
फालसा:पोषक तत्वों से भरपूर, कई बीमारियों में है फायदेमंद - Kosi Times
  • Others
  • फालसा:पोषक तत्वों से भरपूर, कई बीमारियों में है फायदेमंद

    किसने सोचा होगा कि आने वाली पीढ़ी के लोग कार्बोनेटेड ड्रिंक्स की जगह आंवले या लौकी के जूस की बोतल पसंद करेंगे?”आपने फालसा शब्द तो सुना ही होगा।जब हम बच्चे थे तब अपने गली-मोहल्ले में एक आवाज का बहुत उत्सुकता से इंतजार किया करते थे- काले-काले फालसे, शरबत वाले फालसे, ठंडे-मीठे फालसे, बड़े रसीले फालसे।यह


    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement
    Sanjay kr suman
    संजय कुमार सुमन साहित्यकार

    किसने सोचा होगा कि आने वाली पीढ़ी के लोग कार्बोनेटेड ड्रिंक्स की जगह आंवले या लौकी के जूस की बोतल पसंद करेंगे?”आपने फालसा शब्द तो सुना ही होगा।जब हम बच्चे थे तब अपने गली-मोहल्ले में एक आवाज का बहुत उत्सुकता से इंतजार किया करते थे- काले-काले फालसे, शरबत वाले फालसे, ठंडे-मीठे फालसे, बड़े रसीले फालसे।यह आवाज सुनते ही आस-पड़ोस के बच्चे गरमी की छुट्टियों के दौरान चिलचिलाती धूप में भी फालसे खरीदने के लिए दौड़ पड़ते थे।

     

    यह जितना सुनने मे अच्छा लगता है उतना ही इसका स्वाद भी लजीज है। पौधों और फलों के स्वास्थ्य लाभों के इस अहसास के बावजूद, फालसा जैसे फल हैं, जो पोषक तत्वों में उच्च होने के बावजूद कम लोकप्रिय हैं।यह एक मौसमी पौधा है और इसके फल आमतौर पर गर्मियों में प्राप्त होते हैं। फालसा फल अपने आकार में अंगूर जैसा दिखता है। वे खट्टे-मीठे स्वाद के साथ बैंगनी रंग के होते हैं। यह फल विटामिन और खनिजों का एक पावरहाउस है और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।फालसा के अनगिनत स्वास्थ्यवर्द्धक फायदे होते हैं जो फालसा को बहुगुणी फल बना देता है।फालसा इतना बहुगुणी होता है कि वह कमजोरी दूर करने में न सिर्फ टॉनिक का काम करता है बल्कि लू से लगे बुखार को कम करने में भी मदद करता है। इसी कारण आयुर्वेद में फालसा को कई तरह के बीमारियों के लिए औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है।फालसे में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, विटामिन ए, बी और सी पाया जाता है।फालसा फल कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन ए, बी3 और सी तथा पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और फास्फोरस जैसे खनिजों से भरपूर होता है। फालसा फल में मौजूद फाइटोकेमिकल्स में एंथोसायनिन, टैनिन, फिनोल और फ्लेवोनोइड शामिल हैं। गर्मी में इसका जूस तो अमृत के समान है।यह पेट की जलन व रक्त संबंधी बीमारियों में लाभकारी है।चूंकि इसकी तासीर शीतल है, इसलिए यह शरीर में होने वाली जलन को भी रोकता है। इसको खाने या इसका रस पीने से प्यास नहीं लगती। गर्मी में इसका सेवन सूर्य के विकिरण से भी बचाता है।इसकी एक विशेषता यह भी है कि यह यूरिन संबंधी समस्याओं को रोकता है और यूरिन की जलन को भी शांत करता है।यह थकान भी कम कर देता है।

     

    फालसा का फल करीब एक सेंटीमीटर व्यास वाला गोलाकार होता है। कच्चे फालसा का रंग मटमैला लाल और जामुनी होता है। मई-जून में पूरी तरह पकने पर फालसा का रंग काला हो जाता है। इसका स्वाद खट्टा-मीठा या चटपटा होता है। फल में बीज पर गूदे की पतली परत होती है। फालसे की झाड़ी में काँटे नहीं होते। इन्हें हाथों से तोड़ते हैं। उपज के लिहाज से देखें तो फालसा के फल थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ही पकते हैं। फालसा सूखा रोधी होते हैं। इन पर प्रतिकूल मौसम का बहुत कम असर पड़ता है। ये 44-45 डिग्री सेल्सियस का तापमान भी आसानी से बर्दाश्त कर लेते हैं। आम भाषा में बोला जाये तो फालसा की खेती बहुत शुष्क या सूखापीडि़त क्षेत्रों के लिए बेहद उपयोगी है।

    फालसा में उच्च मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जिससे इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मिलते हैं। सूजन जोड़ों के दर्द का प्रमुख कारण है, और फालसा सूजन को दूर करने में मदद करता है।जिससे जोड़ों का दर्द कम होता है। इसके अलावा, यह कैल्शियम का भी एक अच्छा स्रोत है, जो इसे आपकी हड्डियों के लिए फायदेमंद बनाता है। यह गठिया जैसे गंभीर हड्डियों के रोगों के लक्षणों को मैनेज करने में भी मदद करता है।समस्त भारत में यह साधारणतया गंगा के मैदानी भागों तथा बिहार, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र एवं आंध्र प्रदेश में पाया जाता है।

     

    कच्चा  फालसा कड़वा, एसिडिक, गर्म तासीर का, छोटा, रूखा, कफ और वात को कम करने में सहायक; पित्तकारक तथा स्वादिष्ट होता है। फालसा का पका फल मधुर,ठंडे तासीर का, कमजोरी दूर करने वाला, स्पर्म का काउन्ट बढ़ाने वाला, खाने की रुची बढ़ाने वाला, पौष्टिक और थकान मिटाने वाला होता है। फालसा को मूत्रदोष, जलन, रक्त संबंधी रोग और बुखार आदि में उपचार स्वरुप उपयोग किया जाता  है।

    इस फल का नियमित सेवन हड्डियों को भी मजबूत करता है।इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम बोन्स को अंदर से मजबूती देता है। इसके साथ ही डेंसिटी को बढ़ाता है। फ़ालसा में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन करने से रेड ब्लड सेल्स का निर्माण तेज हो जाता है। यह एनीमितया का इलाज करने में मददगार हो सकता है।डायबिटीज के मरीजों के लिए फालसा फल काफी फायदेमंद होता है क्योंकि फालसा फल में लो ग्लिसमिक इंडेक्स होता है, इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। इसके अलावा इसमें पॉलीफेनॉल एंटीऑक्सीडेंट की भी मौजूदगी होती है जो की इस फल को डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर बनाता है।

    फालसा की छाल (त्वक्) मधुमेह नियंत्रण करने के साथ ही साथ योनी की जलन से भी राहत दिलाने में मदद करती  है। फालसा की जड़ दर्दनिवारक, वातपित्त और मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक होती है। इसके अलावा गर्भाशय में होने वाले दर्द को भी कम करने में  मदद करती है।

    यदि आप अक्सर पेट की समस्याओं से पीड़ित रहते हैं, तो फालसा एक उपाय के रूप में काम कर सकता है। यह पाचन में सहायता करता है और पाचन तंत्र के सुचारू कामकाज में मदद करता है। यह उन लोगों के लिए अद्भुत काम कर सकता है, जो अक्सर हर्टबर्न से पीड़ित होते हैं।

    (लेखक संजय कुमार सुमन विभिन्न विधाओं पर पिछले 30 वर्षों से लगातार लिखते रहे हैं।राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दर्जनों पुरस्कार प्राप्त किया है।कई संगठनों ने ऑनरेरी डॉक्टरट्रेट भी प्रदान किया है।)

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    प्रतिमाह ₹.199/ - सहयोग कर कोसी टाइम्स को आजद रखिये. हम आजाद है तो आवाज भी बुलंद और आजाद रहेगी . सारथी बनिए और हमें रफ़्तार दीजिए। सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

    Support us

    ये आर्टिकल आपको कैसा लगा ? क्या आप अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहेंगे ? आपका सुझाव और प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है।