• Others
  • ईको-फ्रेंडली दीपावली मनाने की जरूरत-संजय कुमार सुमन

    मधेपुरा ब्यूरो/दीपों का त्योहार दीपावली, ज्योति पर्व तथा प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। वहीं चौसा के पर्यावरण प्रेमियों के द्वारा दिवाली का पर्व पर पटाखे न चलाने का आग्रह किया जा रहा है। गौरतलब है कि शिक्षा,पर्यावरण, साहित्य और धर्म-संस्कृति से जुड़े लोगों का कहना है कि हमें दीपावली जैसे पावन


    Sanjay kr suman
    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    मधेपुरा ब्यूरो/दीपों का त्योहार दीपावली, ज्योति पर्व तथा प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। वहीं चौसा के पर्यावरण प्रेमियों के द्वारा दिवाली का पर्व पर पटाखे न चलाने का आग्रह किया जा रहा है।
    गौरतलब है कि शिक्षा,पर्यावरण, साहित्य और धर्म-संस्कृति से जुड़े लोगों का कहना है कि हमें दीपावली जैसे पावन पर्व के सांस्कृतिक महत्व को समझना चाहिए। दीपावली पर पर्यावरण संरक्षण का ख्याल रखने की जरूरत है।


    सामाजिक शैक्षणिक कल्याण संघ के सचिव संजय कुमार सुमन ने कहा कि इस समय वातावरण में लगातार बढ़ रहे वायु गुणवत्ता सूचकांक से स्पष्ट है कि जैसी विषैली गैस हवा में घुलती जा रही है। इन परिस्थितियों में दिवाली पर पटाखे न चलाकर पर्यावरण की सुरक्षा में हम सभी को योगदान देना चाहिए।प्रदूषण न फैले इसके लिए ईको-फ्रेंडली दीपावली मनाने की जरूरत है, सभी को इस दिशा में जागरूक होना चाहिए। हमें खुशियों के साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखना होगा। सरसों के तेल के दीये जलाएं जिससे प्रदूषण न हो तथा धुएं व तेज आवाज वाले पटाखों से दूरी बनानी चाहिए।उन्होंने कहा कि प्रदूषण र्सिफ मनुष्य के लिए नहीं बल्कि पशु पक्षी के लिए भी काफी हानिकारक होता हैं। ऐसे में इस दिवाली आप भी ईको फ्रेंडली अर्थात प्रदूषण मुक्त दिवाली सेलिब्रेट कर सकते हैं।दिवाली के पर्व पर पटाखे जलाना कोई परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि पटाखे निर्माता कंपनियों ने अपने लाभ के लिए इस पवित्र पर्व को चुना है। हम पूर्ण धार्मिक विधि विधान से पर्व मनाए, घर में रौशनी की खूब सजावट करें अगर पटाखों से दूरी बनाए यह हमारे बच्चों के भविष्य के लिए अच्छा कदम हो सकता हैं।

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    Your Insights Matter - Let's Discuss This Together