मधेपुरा प्रतिनिधि/ सम्राट अशोक की जयंती वार्ड नंबर 04 मधेपुरा में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के वाणिज्य विभाग के पूर्व विभागीय परिषद सदस्य सह शोध छात्र प्रभु कुमार की अध्यक्षता में मनाया गया ।
इस मौके पर बीएनएमयू मधेपुरा के विज्ञान संकाय के काउंसिल मेंबर सह आंतरिक परिवाद समिति सदस्य सह रसायन शास्त्र के शोधार्थी बिट्टू कुमार जी ने कहा कि महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक जिनको अखंड राज्य कृति विश्व की धरोहर है , जिनके चक्र और स्तंभ से देश की पहचान विदेश में होती है । उनके सिद्धांतों को अपनाकर भारत ने सारे विश्व को प्रेम और बंधुत्व का संदेश दिया है क्योंकि सम्राट अशोक को पशु , पक्षी, पर्यावरण पेड़ , पौधे से भी प्यार थे , तो वह व्यक्ति मनुष्य से कितना प्यार करते होंगे , यह किसी से छुपा हुआ नहीं है । वह हमेशा जनता का सम्राट थे । अखंड भारत के चक्रवर्ती सम्राट का राज्य 71 देशों में था । उसकी राजधानी मगध राज्य था । भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाले , भारत को गुरु का दर्जा दिलाने वाले , मनुष्य के साथ-साथ पशु पक्षियों के हितों का ध्यान रखने वाले सबसे लोकप्रिय राजा थे । आज भारत के सबसे बड़े राजनीतिक पार्टी भी सम्राट अशोक की जयंती धूमधाम से मना रहे तो फिर मौर्यवंशी समाज को सम्राट अशोक की जयंती मनाने में शर्म क्यों ?
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के वाणिज्य विभाग के पूर्व विभागीय परिषद सदस्य सह शोध छात्र प्रभु कुमार ने कहा कि महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य था। उनका राजकाल ईसा पूर्व 269 से, 232 प्राचीन भारत में था। सम्राट अशोक को मौर्य वंश के तीसरे शासक थे। सड़कों के जाल बिछाने वाले एवं सड़क के किनारे यात्रियों के लिए पानी की व्यवस्था के लिए कुआं खुदवाने का काम करवाने वाले महान सम्राट अशोक ही थे । उन्होंने ही भारत को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया । जब भारत अपना बिखरा था तब महान सम्राट अशोक के वंशज पूरे भारत को अखंड किए एवं उसी को अपने कलम के दम पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने बुलंदी के चोटी पर पहुंचाए ।
इस मौके पर उपस्थित छात्र नेता भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के विभागीय परिषद सदस्य सह शोध छात्र प्रभु कुमार, माधव कुमार, गुड्डू कुमार, नीतीश,प्रिंस, भूषण कुमार मेहता, अमित आनंद आदि मौजूद थे ।