भागलपुर प्रतिनिधि
खगड़िया के हरदासचक में आयोजित अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच के तृतीय वार्षिक अधिवेशन में करीब डेढ़ साहित्यकारों को उनकी साहित्यिक उपलब्धि के लिए विभिन्न साहित्यिक पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया,जिनमें सम्पादक श्री सम्मान, बिहार गौरव सम्मान, कोशी साहित्य सम्मान(स्वर्ण)कोशी साहित्य सम्मान (रजत),बिहार गौरव सम्मान, पांडुलिपि साहित्य सम्मान,और सरस्वती स्मृति सम्मान जैसे सम्मान शामिल हैं। भागलपुर के साहित्यकार अभय कुमार भारती को मंच की सक्रिय गतिविधियों में यथोचित सहयोग के लिए कोशी मंच गौरव श्रेष्ठ सम्मान प्रदान किया गया। इसके तहत उन्हें अंग वस्त्र, सम्मान पत्र,स्मृति चिन्ह और बैच प्रदान किया गया।
मौके पर दिल्ली से कालजयी घनश्याम, वाराणसी से सुषमा सिन्हा,कोलकाता से दिनेश प्रसाद दिनेश, पटना से मेहता नागेंद्र, बिंदेश्वर प्रसाद गुप्ता, हजारीबाग से पंडित चंद्रशेखर, गोड्डा से प्रदीप प्रभात,ब्रह्मदेव कुमार,स्मिता शिप्रा, देवघर से रविशंकर साह खगड़िया से अवकाश प्राप्त पुलिस उपाधीक्षक सह कुशल साहित्यकार चन्द्रप्रकाश जगप्रिय,पूर्णिया से बाबा वैद्यनाथ, कटिहार से डॉ. अजय कुमार मीत,डॉ. के.के चौधरी, रोसड़ा समस्तीपुर से पंकज कुमार पांडेय, दरभंगा से लब्धप्रतिष्ठ कवि विनोद कुमार हँसोड़ा, ऋतु प्रज्ञा, प्रतिभा स्मृति और डॉ. उषा किरण, जमालपुर से रमेश कंवल,भागलपुर से लब्धप्रतिष्ठ लघुकथाकार सह कवि पारस कुंज,कपिलदेव कृपाला, डॉ. के.के मंडल,सुल्तानगंज से सुधीर कुमार प्रोग्रामर, मनीष कुमार गूंज,भावानन्द सिंह,प्रशान्त के अलावा मंच संस्थापक शिव कुमार सुमन,अध्यक्ष साधना भगत, महासचिव कविता परवाना,इं.रमेश कुमार, कोषाध्यक्ष संगीता चौरसिया एवं नन्द किशोर सिंह समेत समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
श्री भारती को कोशी मंच गौरव श्रेष्ठ सम्मान मिलने पर भागलपुर के दर्जनों साहित्यकारों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी है। बधाई देते हुए हिंदी एवं अंगिका के साहित्यकार संजय कुमार सुमन ने कहा कि साहित्य समाज का आइना होती है, इस तर्ज पर ग्रामीण समाज को अपने साहित्य में संजोते हुए अभय कुमार भारती ने अपनी कई कहानियों एवं कविता में ग्रामीण जीवन के साथ उसकी समस्याओं का वर्णन बड़ी ही खूबसूरती से करते हैं।हिंदी साहित्य में अभय ग्रामीण परिवेश के कुशल चितेरे माने जाते रहे हैं, क्योंकि उनका अधिकतर जीवन ग्रामीण परिवेश में ही गुजरा है।
साहित्यकार डॉ विभु रंजन ने कहा कि अभय कुमार भारती अपनी कहानियों में ग्रामीण जीवन का सजीव वर्णन किया है, वो बिरले ही आपको दिखाई देगा। उनकी प्रकाशित उपन्यास ‘पोस बेटी’ कई मायनों में चर्चित रही।इनके उपन्यास को पढ़कर सही मायनों में ग्रामीण समस्याओं को समझा जा सकता है। हालांकि इस उपन्यास में ग्रामीण समस्याओं के साथ ग्रामीण लोगों के प्रेम की मिठास, उनका अपनापन भी है।