दो दिवसीय प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ समापन

मधेपुरा/ जिले शंकरपुर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय बथान परसा के खेल मैदान पर आयोजित दो दिवसीय प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन हो गया। दूसरे दिन कबड्डी सहित अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

कबड्डी में परसा ने करमैनिया को 54-38 के अंतर से हराकर विजेता कप पर कब्जा जमाया। इससे पूर्व पहले दिन बालक और बालिका वर्ग में गोला फेंक, चक्का फेंक एवं दौड़ का आयोजन किया गया था। सभी खेलों के सफल प्रतिभागियों को प्रखंड प्रमुख रीना भारती, अंचलाधिकारी राजेन्द्र कुमार राजीव, प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार सुमन, डॉ. शंकरलाल यादव एवं नेहरू युवा केन्द्र के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक मनीष कुमार ने ट्रॉफी, मेडल और प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया।

अपने संबोधन में प्रखंड प्रमुख रीना भारती ने कहा कि खेलों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। खेल से हमारा शारीरिक विकास तो होता ही है, साथ ही मानसिक विकास भी होता है। खेल में सहभागिता करने से तन-मन दोनों फिट रहते हैं। जब हमारा तन और मन स्वस्थ होगा, तो हमारा पढ़ाई में भी मन लगेगा और हम आसानी से लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में सहभागिता करना चाहिए।

खेल के माध्यम से भी बना सकते हैं सुनहरा भविष्य : अंचलाधिकारी राजेंद्र कुमार राजीव ने कहा कि खेल अब केवल खेल तक ही सीमित नहीं है। आप जिस तरह पढ़ाई में पूरी ईमानदारी के साथ तैयारी करते है, उसी प्रकार खेलों में भी दृढ़ निश्चय और लगन से मेहनत करेंगे तो खेल के माध्यम से भी सुनहरा भविष्य बना सकते हैं। खेल हमें अनुशासन और टीम भावना सिखाते हैं। इसलिए हर छात्र को खेलों में सहभागिता अवश्य करना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार सुमन ने कहा कि सभी विधा में बच्चों ने बेहतर खेल का प्रदर्शन किया। खेल के क्षेत्र में शंकरपुर प्रखंड का हमेशा से प्रदर्शन बेहतर रहा है। आगे भी यह प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रतियोगिता के दौरान निर्णायक की भूमिका में शारीरिक शिक्षा शिक्षक गुलशन कुमार, मिथिलेश कुमार एवं आनंद कुमार थे।

कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन मंदीप कुमार ने किया। मौके पर शिक्षक शिवानी सिंह, अनुपम कुमारी, विनोद कुमार, अफसाना खातुन, कुमारी कविता, सुनिल कुमार, विजय कुमार, मंजर आलम, राजाराम कुमार सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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