सामाजिक कार्यकर्ता रणजीव कुमार के कार्यों को आगे बढ़ाना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि

👉नदी व पर्यावरण के सवालों उठाने वालों के सशक्त हस्ताक्षर थे रणजीव कुमार

कोसी टाइम्स मधेपुरा

नदी, पानी और समाज को समर्पित, वरिष्ठ समाजिक कार्यकर्ता व पर्यावरणविद *रणजीव जी* का निधन 3 जून को पटना में हो गया। रणजीव कुमार कोशी के विकास के सवालों सहित नदी, पानी, पर्यावरण और समाज के सवालों को उठाने वाले सशक्त आवाज थे। उनकी स्मृति में विलियम्स स्कूल सुपौल में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कोशी नव निर्माण मंच , कोशी कंसोडियम व सुपौल के नागरिक समाज द्वारा दिन में 3 बजे से आयोजित किया गया।


श्रद्धांजलि कार्यक्रम उनके चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि करने के उपरांत शुरू हुआ जिसके बाद वक्ताओं ने कहा कि रणजीव कुमार नदियों के साथ विकास के सच्चे अवधारणा को आगे बढ़ाने की बाते करते थे उन्होंने उसी बात को अपनी चर्चित पुस्तक “जब नदी बंधी” में उल्लेख किया।
कोशी की परियोजना का पर्यावरण व लोगों पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर सदैव लोगों के साथ खड़े रहे। गहराते नदी पर्यावरण के सवालों को लेकर सदैव चिंतित रहते हुए पत्रकारों युवाओं को प्रेरित करते थे। वे बिहार के बड़े इसके ज्ञाता थे उसी लगाव के कारण वे परिवार नही बसाते हुए इन कार्यों को अपने समर्पित कर दिया और सादगी पूर्वक, अभावों में अखड़ संत की तरह आजीवन अकेले रहे। उनका सुपौल से गहरा लगाव था अनेक कार्यक्रमों में लगातार आते रहते थे इनका बचपन भी सुपौल में गुजरा था और विलियम्स स्कूल में पढ़ाई किए थे। उनके अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उनके साथ की स्मृतियों को लोगों ने याद किया। अंत में दो मिनट का मौन रखा गया।


श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भगवान पाठक, पंचम भाई, रामचंद्र यादव, चंद्र शेखर झा, रंगकर्मी राजेश चंद्र ठाकुर, दुखी लाल, पूर्व प्राचार्य निखिल सिंह, सज्जल कुमार दास, चंद्र मोहन यादव, मो सदरूल, कोशी नव निर्माण मंच के जिला सचिव आलोक राय, अजय यायावर, अनिल सिंह, आरफा खातून, अर्चना सिंह, रीता, जय प्रकाश, रणवीर, शिव शंकर मंडल इत्यादि ने बातें रखीं अध्यक्षता इंद्र नारायण सिंह और संचालन महेंद्र यादव ने किया।

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