मधेपुरा ब्यूरो
विगत 17 वर्षों से जिले के भटगामा में विशाल स्तर पर आयोजित किया जा रहा भटगामा महोत्सव इस वर्ष कई मायने में अनूठा और ऐतिहासिक रहा। साथ ही नारीशक्ति और सशक्तिकरण का एक बड़ा संदेश देने में सफल रहा।
गौरतलब है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रीय स्तर का महिला कुश्ती प्रतियोगिता का और बिहार राज्य के 22 सर्वश्रेष्ठ महिला कबड्डी टीम के बीच महा मुकाबला हुआ । प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये 370 से ज्यादा महिला खिलाड़ियों का आगमन हुआ जिसमे कुश्ती के लिए 7 राज्यों की 20 महिला पहलवान के बीच भटगामा केसरी के खिताब के लिए मुकाबला हुआ ।जहां कटिहार की बेटियों ने लखीसराय की टीम को हराकर सवेरा ट्रॉफी पर कब्जा किया ।जबकि बिहार के पटना की बेटी प्रियंका यादव ने सात राज्यों की पहलवान को पटकनी देकर प्रतिष्ठित भटगामा ट्रॉफी पर कब्जा किया।
इतना ही नहीं, इस आयोजन में शामिल होने वाली दो दर्जन से ज्यादा लड़कियों का चयन खेलो इंडिया के लिए हुआ है ।
अरजपुर पश्चिमी पंचायत की मुखिया अनिता देवी के नेतृत्व में 50 महिलाओं की टीम ने भटगामा महोत्सव में आईं सभी महिला खिलाड़ियों की देखरेख की । साथ ही वरिष्ठ राजद नेता सुशील कुमार यादव,कृष्ण कुमार ,त्रिभुवन गुप्ता ,कृत्यानंद यादव,दिलीप जोशी , कैलाश यादव , सियाराम यादव ,श्यामल सिंह ,कारेलाल यादव प्रफुल्ल चंद ,कुमोद कुमार झा ,सौरभ कुमार एवं सरपंच अरुण सिंह के देख रेख में दिन रात महोत्सव में आने वाले सम्मानित अतिथियों एवं ,पदाधिकारियों का स्वागत किया ।हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दिल्ली, कलकत्ता और मुम्बई के बेहतरीन गायक और कॉमेडियन अपनी पूरी टीम मशहूर गायक विनय यादव के निर्देशन में अपने कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया ।आयोजन समिति के संरक्षक पूर्व मुखिया सुशील कुमार यादव ने बताया कि सियाराम यादव ,श्यामल सिंह एवम सरपंच अरुण सिंह और प्रफुल्ल चंद के दिन रात मिहनत का नतीजा है इस वर्ष करीब 4 लाख से ज्यादा लोगो ने यहां आकर इस महोत्सव को अभूतपूर्व बना दिया । सरपंच अरुण सिंह ,कृष्ण कुमार और निरंजन यादव अपनी टीम के साथ मेला में आने वाले खिलाड़ियों एवम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की टीम में उत्तरप्रदेश ,राजस्थान ,दिल्ली, बंगाल से आने वाले कलाकारों के स्वागत और विधि व्यवस्था की जिम्मेदारी को संभाला ।इस महोत्सव के द्वारा एक साथ सामाजिक एकता सांस्कृतिक सौहार्द एवं महिला सशक्तिकरण के साथ साथ खेल के माध्यम से आत्मनिर्भरता संदेश दिया जाता रहा है ।अगर देखा जाय तो आयोजन समिति के सदस्यों एवं ग्रामीणों ने अपने मेहनत और समर्पण से और प्रशासन के सहयोग से भटगामा महोत्सव को यादगार बना दिया ।