सुपौल: मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, हथियार का जखीरा बरामद, मधेपुरा से जुड़ा है तार

सुपौल। पुलिस ने जदिया थाना क्षेत्र के बघैली वार्ड 15 में गुरुवार को छापामारी कर एक घर में चल रहे मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। घर के दो अलग-अलग कमरे में बने तहखानों से दो अत्याधुनिक पिस्टल सहित भारी मात्रा में अर्द्धनिर्मित हथियार और कई उपकरण भी बरामद किया गया है। कुछ लोग मौके से एक युवक को हिरासत में लेने की बात भी कह रहे हैं तो कुछ लोग युवक के भाग जाने की चर्चा कर रहे। हालांकि पुलिस अभी तक पूरे मामले में कुछ भी बताने से बच रही है।

एसपी शैशव यादव ने बताया कि फिलहाल जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। बताया जा रहा है कि पुलिस को सूचना मिली कि मुहर्रमपुर बघैली पंचायत के मुहर्रमपुर वार्ड 15 में अरसे आलम के मकान में पिछले एक साल से मिनी गन फैक्ट्री चल रही है। सूचना की पुष्टि होने के बाद एसपी के निर्देश पर जदिया, छातापुर और त्रिवेणीगंज थाना की पुलिस ने पहले इलाके को घेर लिया। सुबह करीब 9 बजे से सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। काफी मशक्कत के बाद पुलिस दो कमरे में बने तहखाने तक पहुंची। मुंगेर की तर्ज पर हथियार बनाने वाली आधुनिक मशीन देखकर पुलिस के होश उड़ गये।

त्रिवेणीगंज एसडीपीओ विपीन कुमार ने फोर्स के साथ तहखानों की तलाशी शुरू की। घर में तहखाना होने की सूचना मिलते ही एसपी श्री यादव भी वहां पहुंचे। तलाशी में कई अर्द्धनिर्मित मैग्जीन, पिस्टल सहित अन्य उपकरण बरामद हुए। इसके बाद दो पिस्टल, अर्द्धनिर्मित हथियारों के जखीरा के साथ जदिया थाना लाया गया।

 

गांव में चल रही मिनी गन फैक्ट्री की नहीं थी किसी को भनक  :घर के तहखाने में मिनी गन फैक्ट्री चलने की सूचना से आसपास के इलाके में सनसनी फैली हुई है। हर कोई स्थानीय युवक का कारनामा सुनकर सन्न था। ग्रामीणों की मानें तो सबकुछ इस तरह चल रहा था कि गांव वालों को इसी तनिक भी भनक नहीं थी। एसपी श्री यादव ने बताया कि दिनभर पुलिस गन फैक्ट्री के खुलासे में जुटी थी। अभी कई पहलू हैं जिसपर पुलिस जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद ही इसका खुसाला किया जाएगा। पुलिस मुंगेर कनेक्शन की भी जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों की मानें तो बरामद हथियार उच्च क्वालिटी के हैं। पुलिस जांच कर रही है कि आरोपी युवक ने हथियार कहां से बनाना सीखा और अब तक किस-किस को कितने हथियार बेचे हैं।

उधर, सूत्रों की मानें तो निर्मित हथियार लगभग 20 से 25 हजार में अपराधियों को बेचा जाता था। इसमें मधेपुरा का रहने वाला उसका एक रिश्तेदार भी मदद करता था। पुलिस अब उस रिश्तेदार को पकड़ने के प्रयास में है।

Comments (0)
Add Comment