कॉल गर्ल द्वारा एसपी का मोबाइल चोरी मामला निकला फर्जी, सदर एसडीपीओ अजय नारायण यादव ने डीएसपी के खिलाफ किया था साजिश

प्रशांत कुमार/मधेपुरा/ सेवा के बदले रुपए नहीं देने पर मधेपुरा के मुख्यालय डीएसपी अमरकांत चौबे के आवास से कॉल गर्ल के द्वारा एसपी का मोबाइल चोरी करने का मामला जांच में फर्जी निकला। लेकिन पुलिस विभाग में एक-दूसरे को नीचा दिखाने के मामले का पर्दाफाश भी हुआ। कथित कॉल गर्ल सप्लायर महिला असल में मोबाइल चोर निकली। इस मामले में बिना वरीय पदाधिकारी के आदेश के उक्त महिला का वीडियो बनाने और उसे वायरल करने के आरोप में मधेपुरा जिला पुलिस के टेक्निकल सेल के दो पुलिसकर्मी और सहरसा सदर थाना के सिपाही से लेकर दारोगा तक के सात कर्मियों को डीआईजी शिवदीप लांडे ने सस्पेंड कर दिया है। साथ ही इस तरह का वीडियो वायरल मामले में भूमिका संदिग्ध रहने के आरोप में मधेपुरा सदर एसडीपीओ अजय नारायण यादव के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय को लिखा गया है। जबकि एसपी के सरकारी मोबाइल चोरी होने के मामले में पुलिस अनुसंधान की पूरी प्रक्रिया नहीं अपनाने के आरोप में डीएसपी मुख्यालय अमरकांत चौबे को पद से हटाने के लिए भी डीआईजी श्री लांडे में मुख्यालय को भेज दिया है।

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डीआईजी श्री लांडे ने कहा कि उन्होंने टीम को 36 घंटे में जांचकर रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन टीम ने इससे भी कम समय में जांच पूरी कर ली। उन्होंने जांच रिपोर्ट पर अपनी सहमति दी। मालूम हो कि जांच टीम की अगुआई सुपौल की एसपी डी अमरकेश, सहरसा के मुख्यालय डीएसपी एजाज हाफिज मणि, मधेपुरा के इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार और सहरसा महिला थाना की थानाध्यक्ष प्रेमलता भूपश्री को शामिल किया गया था।

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