सिंहेश्वर, मधेपुरा/ सिंहेश्वर प्रखंड के समाजवादी नेता तथा हर दिल अजीज और प्रथम प्रमुख उपेंद्र नारायण यादव लंबे समय से बिमारी के कारण बुधवार को उनका निधन हो गया.
मालूम हो कि वे उस समय भागलपुर के टीएनवी कॉलेज से ग्रेजुएशन किए थे. खेल में उनकी बहुत ही अच्छी पकड़ थी. वे फुटबाल और वॉलीबाल के बेहतरीन खिलाड़ी थे. उन्होंने खेलो के उत्थान के लिए भी कई कदम उठाए. मृत हो रहे कुश्ती की प्रतियोगिता को करा कर इस खेल को नया जीवन देने का काम किया. राजनीति में भी उनका एक अलग ही प्रभाव रहा. मृदु भाषी स्वभाव के कारण बच्चों से लेकर बड़े तक उनका सम्मान करते थे. वे लगभग 22 साल तक सिंहेश्वर के प्रमुख रहे. वे दस फरवरी 1979 से 14 जून 2001 तक प्रमुख पद आसीन रहे. जब सिंहेश्वर में गम्हरिया और शंकरपुर शामिल था और 1978 में सुखासन के मुखिया बने और फिर सिंहेश्वर प्रखंड के प्रमुख चुने गए. उसी वर्ष जिला भी सहरसा था और सहरसा जिला परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव में मात्र एक मत से पराजित हुए थे. 2001 में जदयू के टिकट पर विधानसभा सभा का चुनाव भी लड़े थे. सिंहेश्वर के लोगों को एक सुत्र में बांधने की उनमें अद्भुत कला थी. उनके निधन से सिंहेश्वर प्रखंड ने एक अभिवाभक खो दिया. वे अपने पीछे एक समृद्ध और खुशहाल परिवार को छोड़ गए. उनको तीन पुत्री और दो पुत्र है. सबसे बडी पुत्री रेणु देवी 60 वर्ष, रंजु देवी 56 वर्ष उसके बाद लगातार मुखिया के पद को सुशोभित कर रहे बड़े पुत्र किशोर कुमार पप्पू 51 वर्ष, दुसरे पुत्र सफल संवेदक मुकेश कुमार मुन्ना 49 वर्ष और तीसरी पुत्री संजु देवी 45 का भरा पूरा परिवार छोड़ गए.
उनके अंतिम दर्शन में पहुंचने वालों में सांसद