प्रचंड गर्मी के शिकार हो रहे हैं लोग, अस्पतालों में लग रही है मरीजों की भीड़

अमन कुमार/मधेपुरा/ भीषण गर्मी का सीधा असर लोगों पर दिख रहा है.गर्मी बढ़ते ही सरकारी और प्राइवेट अस्पतालो में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है. अस्पताल में चाहे दवा वितरण काउंटर हो या फिर डाक्टर का कक्ष, सभी जगह भीड़ बढ़ने से मरीजों को इलाज कराने में परेशानी उठानी पड़ रही है.सदर अस्पताल में ज्यादातर मरीज उल्टी-दस्त,बुखार और पेट दर्द के पहुंच रहे हैं.

गर्मी में बच्चों का खास ख्याल है जरूरी: अस्पताल में पिछले 20 दिन में लगातार पेट दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ गई है.चिकित्सकों की माने तो डायरिया एक जल जनित बीमारी है. गर्मी बढ़ते ही लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए कहीं से भी पानी खरीदकर पीना शुरू कर देते हैं. इसके अलावा टैंकरों व सप्लाई का पानी भी कई बार खराब आ जाता है.इसलिए लोगों को इस मौसम में हमेशा साफ पानी या पानी को उबाल कर ही पीना चाहिए. गर्मी में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है. बच्चे दूषित पानी या फिर अन्य चीज खा लेते हैं. साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए.गर्मी से बचाव के लिए बच्चे का ख्याल रखना चाहिए. जैसे ही उल्टी,सिरदर्द आदि के लक्षण दिखे,तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

तेज धूप व उमस ने अस्पताल में बढ़ाई मरीजों की संख्या : तेज धूप व उमस बढ़ते ही जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है.पर्ची काउंटर पर मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। वहीं ओपीडी में सुबह दस बजे से दो बजे तक मरीज सहित परिजन डटे रहते है. गर्मी बढ़ते ही लोगों में डी-हाईड्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. अस्पताल में मरीज डिहाईड्रेसन से ग्रसित होने कर इलाज करा रहे हैं.

वहीं मरीजों के भीड़ को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने भी तैयारी कर लिया है। विभाग की ओर से लगातार बढ़ती गर्मी तथा डीहाईड्रेशन की शिकायत को देखते स्वास्थ्य विभाग ने सभी को ओआरएस घोल के अलावा आवश्यक दवाईयां उपलब्ध करा रहे है. डॉक्टर इंद्रभूषण कुमार ने बताया कि गर्मी बढ़ने के कारण डिहाईड्रेशन व बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है. इससे बचाव के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है.जिससे डिहाईड्रेशन सहित अन्य बीमारियों से बच सकते है.

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