अब विश्वविद्यालय कर्मचारियों के एकाउंट में सीधे भेजी जाएगी राशि

विश्वविद्यालय से छिन जाएगा वेतन देने का अधिकार

कोसी टाइम्स संवाददाता, मधेपुरा

शिक्षा विभाग का आने वाले दिनों में बिहार के विश्वविद्यालयों पर नियंत्रण और बढ़ने वाला है। अब विश्वविद्यालय से शिक्षक-कर्मचारियों को वेतन देने का अधिकार छिन जाएगा। विभाग सीधे शिक्षक, कर्मचारियों के एकाउंट में राशि भेजेगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक पोर्टल विकसित किया है। इस पर कॉलेज एवं विश्वविद्यालय को शिक्षक-कर्मचारियों का पूरा डाटा अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। अब तक सरकार विश्वविद्यालय के बजट के अनुसार वेतन व पेंशन मद में विश्वविद्यालयों को राशि भेजती रही है। फिर विश्वविद्यालय से शिक्षक-कर्मचारियों को भुगतान होता रहा है। लेकिन, व्यवस्था बदलने से विवि की भूमिका इस मामले में पूरी तरह नगण्य हो जाएगी।

शिक्षा विभाग की उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी ने इसको लेकर बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि शिक्षक कर्मचारियों का वेतन अलग-अलग सीधे उनके एकाउंट में भुगतान होगा। नई प्रक्रिया से भुगतान के मद्देनजर दो दिन पहले तक सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेज प्राचार्यों, बर्सर, कुलसचिव, वित्तीय परामर्शी एफए एवं वित्त पदाधिकारियों को बुलाकर विभाग की ओर से 27 मई को जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान मैनगल्स रोड पटना में ट्रेनिंग भी दी गई, जिसमें बीएनएमयू के सभी अंगीभूत कॉलेजों के प्रधानाचार्य ने भाग भी लिया। इसमें विश्वविद्यालयों को 28 मई तक पोर्टल पर डेटा अपलोड करने का निर्देश दिया गया। इस डाटा में शिक्षक, कर्मचारियों के नाम, कॉलेज के नाम, ज्वाइनिंग की तिथि, पद, उपस्थिति, सैलेरी आदि की पूरी जानकारी देनी है। इसी के आधार पर विभाग भुगतान करेगा।

अधिकार छीने जाने से बैचेनी, डाटा अपलोड नहीं हो रहा

अधिकार छीने जाने से विश्वविद्यालयों में बेचैनी है। यही कारण है कि आदेश के बाद भी अधिकतर कॉलेजों से डाटा अपलोड नहीं हुआ है।

विश्वत सूत्रों की मानें तो नई प्रक्रिया में पे फिक्सेशन के विरुद्ध जिन्हें वेतन मिल रहा है, उनके भुगतान के लिए या तो सही करके पे रॉल भेजना होगा अथवा उनका वेतन रुक जाएगा। पोर्टल पर विवि एवं कॉलेजों को आंतरिक स्रोत की राशि भी अपलोड करनी होगी।

ऐसे होगी भुगतान की प्रक्रिया

अंगीभूत कॉलेज अपने शिक्षक और कर्मचारियों का जबकि विश्वविद्यालय पीजी डिपार्टमेंट और विश्वविद्यालय ऑफिस के शिक्षक व कर्मियों का पे रॉल बनाकर पोर्टेल पर डालेगा। कॉलेज के बनाये गए पे रॉल को एक बार चेकिंग की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की भी होगी। इसके लिए पोर्टेल का लॉग इन, पासवर्ड कॉलेज व विश्वविद्यालय को शिक्षा विभाग देगा। भेजे गए पे रॉल के आधार पर ही कर्मियों को विभाग सीधे एकाउंट में भुगतान करेगा।

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