ईलाज के दौरान नवजात की मौत, चिकित्सकों पर लगा लापरवाही का आरोप

सुपौल/ सदर अस्पताल में शनिवार की अहले सुबह एक नवजात की ईलाज के दौरान मौत हो गई। नवजात के परिजनों ने अस्पताल में तैनात डॉक्टर पर लापरवाही और ससमय एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से नवजात की मौत का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि छातापुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चकला वार्ड 1 निवासी भूषण दास की पत्नी ललिता देवी वर्ष 2019 में हुई हत्या के एक मामले में सुपौल मंडल कारा में कैद में थी। शुक्रवार को ही उसकी जमानत हो गई थी। लेकिन आदेश में देरी की वजह से उसे कल रिहा नहीं किया गया। इस बीच देर शाम प्रसव पीड़ा के बाद डिलीवरी के लिए सुपौल सदर अस्पताल लाया गया। शुक्रवार की रात करीब 11:45 बजे यहां उसकी नॉर्मल डिलीवरी हुई। हालांकि बच्चे का वजन काफी कम था और उसमें गैसपिन की भी समस्या थी। लिहाजा उसे सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। लेकिन यहां इलाज के दौरान शनिवार की अहले सुबह उसकी मौत हो गई।

नवजात के पिता भूषण दास का आरोप है कि पत्नी ललिता की डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने उसे बच्चे की स्थिति खराब होने की जानकारी दी। लिहाजा यहां इलाज संभव नहीं होने की स्थिति में उसने नवजात को रेफर करने का आग्रह भी किया। लेकिन डॉक्टर ने सारे कागजात जमा रख लिए। वही रात करीब 1 बजे से उसने एंबुलेंस हेल्पलाइन 102 पर दो दर्जन से ज्यादा कॉल किया, लेकिन उसका कॉल रिसीव तक नहीं हुआ। इस बीच उसने सदर अस्पताल परिसर में ही सो रहे एंबुलेंस कर्मियों से भी मदद मांगी, लेकिन किसी ने उसकी सहायता की जहमत नहीं उठाई और अंततः उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई।

बहरहाल, घटना की सूचना पर सदर थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंची और नवजात के शव का पोस्टमार्टम दंडाधिकारी की उपस्थिति में कराया गया। वही सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ नूतन वर्मा ने बताया कि डिलीवरी के वक्त ही नवजात की स्थिति गंभीर थी। बावजूद उसे बचाने का भरसक प्रयास किया गया। लेकिन ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

आपको बता दें कि प्रसूता ललिता देवी और उसका पति भूषण दास छातापुर थाना इलाके में 2019 में हुई एक हत्या के मामले में आरोपी हैं। करीब 2 साल पूर्व ही भूषण ने अपनी जमानत कराई है। वही करीब ढाई महीने पूर्व ललिता ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। शुक्रवार को ही इस मामले में ललिता की भी जमानत हुई है। हालांकि ललिता अभी भी सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती है। नवजात को खोने के दर्द की वजह से उसका रो रो कर बुरा हाल है।

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