शिवगंगा की हालत देख लीजिए साहब…यहां सीएम भी पूजा करने आते है

सिंहेश्वर, मधेपुरा/ लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को अब महज 18 दिन बचे हैं. लेकिन जिले के प्रसिद्ध घाटों में एक शिवगंगा की स्थिति दयनीय बनी हुई है. अंतिम समय में आनन- फानन साफ- सफाई की औपचारिक पूरी कर वाहवाही लूटने की होर जरूर मचती है. लेकिन मौजूदा स्थिति बताने काे काफी है कि मंदिर न्यास समिति इसे लेकर उदासीन है.

मालूम हो बाबा मंदिर परिसर स्थित शिवगंगा घाट जिले का सबसे आकर्षक छठ घाटों में से एक माना जाता है. साफ- सफाई को लेकर हर वर्ष औपचारिकता पूरी की जाती रही है. श्रद्धालु मजबूर होकर शिवगंगा की सफाई में जुट जाते हैं. गत वर्ष भी अधिकारियों के बड़े- बड़े दावे के बावजूद शिवगंगा की पूर्णत: सफाई नहीं हो पाई थी. शिवगंगा में फैली गंदगी के साथ ही लोक आस्था का पर्व मनाया गया. जिसके कारण मंदिर न्यास समिति की किरकिरी भी हुई थी. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शिवगंगा में प्रतिमा की स्थापना और सौंदर्यीकरण को लेकर पानी निकालने का काम किया गया. उसी दौरान शिवगंगा में फैले कमल के बेल की सफाई जड़ से खत्म कर निकाल देने की बात कही गई थी. लेकिन पानी निकालने के बाद भी कमल के बेल के निस्तारण का कोई काम नहीं हुआ. इसके बीच बारिश का मौसम आ गया और सौंदर्यीकरण का काम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. अब स्थिति ऐसी है कि शिवगंगा देखने लायक नही रह गई है.

लोगों के श्रद्धा के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है. शिवगंगा का पानी दुर्गंध तो देता ही इसके साथ साथ लगभग पूरे पोखर में कमल का बेल भरा हुआ है. जबकि पश्चिमी दिशा से कचड़ा के साथ कुंभी से पटा हुआ है. श्रद्धालु शिवगंगा में स्नान तो दूर देखना भी मुनासिब नहीं समझते है.

जिम्मेदार की माने तो सफाई हो जायेगी. लेकिन अंतिम समय में सफाई कितनी ज्यादा होगी सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. पूर्व के तरह ही साइड साइड से कमल के बेल को हटाकर अपने कर्तव्य को पूरा समझ लेंगे.

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