जान बचा रहे चिकित्सक के साथ किया मारपीट, मरीज की मौत, चिकित्सकों ने इमरजेंसी सेवा किया ठप्प

सुशांत अंशु/सिंहेश्वर,मधेपुरा/ थाना क्षेत्र अंतर्गत जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज में इलाज कर रहे चिकित्सकों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया है. मारपीट का आरोप एक मरीज के परिजनों पर लगाई गई है. उक्त घटना के बाद जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज के सभी चिकित्सकों ने इमरजेंसी सहित सभी प्रकार के कार्य को बंद कर दिया है।

इस बाबत घायल डॉक्टर संतोष कुमार व डॉक्टर रविन्द्र कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड के बेड संख्या 103 पर किडनी फेल्योर मरीज बिहारीगंज वार्ड नंबर पांच निवासी गौरी कुमारी इलाज कर रहे थे. उसकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया था. उसके मुंह से झाग आ रहा था. जिसके बाद जरूरी चिकित्सा सीपीआर किया जा रहा था. इसी दौरान उक्त मरीज के साथ आए परिजन के द्वारा सीपीआर से मना करने पर उसे चुप रहने को कहा गया. इतने में ही बेड संख्या 104 पर दवाई की ओवर डोज लिए मरीज मधेपुरा वार्ड नंबर एक निवासी सिंकु कुमार को देखने आए तीन- चार युवकों ने पहले तो चिकित्सक को ठीक से काम करने की बात कही. इसी दौरान जबतक कोई कुछ समझ पाता युवकों ने बेल्ट से चिकित्सको को पीटना शुरू कर दिया. मारपीट में दो चिकित्सक घायल हो गए.

उक्त घटना के बाद आक्रोशित चिकित्सको ने इमरजेंसी सहित अन्य सभी सेवाएं बंद कर दिया और मांग करते हुए चिकित्सकों ने युवकों पर चिकित्सक के साथ मारपीट की धारा के साथ उनकी गिरफ्तारी और मेडिकल कॉलेज में स्थाई रूप से पुलिस चौकी खोलने की मांग की. चिकित्सकों ने यह भी बताया कि जब तक आरोपी की गिरफ्तारी और मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी नही खोली जायेंगी तब तक चिकित्सक के द्वारा को काम नही किया जायेगा. वही बेड संख्या 104 पर इलाज करा रहे युवक ने मारपीट करने वाले किसी भी युवक को पहचानने से इंकार कर दिया व चिकित्सकों पर उसके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है.

वही दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर भुपेंद्र प्रसाद ने बताया कि चिकित्सकों के साथ मारपीट की सुचना मिली है. जो बेहद खेदजनक है. स्वाभाविक है कि जब चिकित्सक सहित अस्पताल कर्मी असुरक्षित रहेंगे तो कार्य करना असंभव है. आक्रोशित चिकित्सकों को मनाकर अस्पताल का कार्य शुचारू रूप से चलाया जाएगा. वही दुसरी तरफ थानाध्यक्ष अरुण कुमार, एसआई युगल किशोर, कमांडों राजेश कुमार ने बताया कि मारपीट की घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंच कर आक्रोशित चिकित्सकों से बातचीत कर समझाने का प्रयास किया गया.

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