मधेपुरा कोर्ट का वकीलों ने किया बहिष्कार, सुधार नहीं होने तक नहीं होगी कोई जिरह 

मधेपुरा/ जिले के वकीलों ने कोर्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वकीलों ने अदालत में ना आने का ऐलान कर दिया है. इस बाबत कुछ अधिवक्ताओं की ओर से जिला जज को आवेदन भी दिया गया है. इसकी सूचना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जिला के निरीक्षी न्यायाधीश पार्थ सारथी और बिहार बार काउंसिल के अध्यक्ष को भी भेजी गई है. 

शनिवार को वकालतखाना में अधिवक्ता संघ के सदस्यों की बैठक में इस बात पर सबकी राय यही रही कि 5 और 6 अप्रैल को कोर्ट में ऐसा व्यवहार हुआ, इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. अगर इंसाफ की आवाजों को ऐसे कुचला जाएगा, तो बेहतर है कि इसका बहिष्कार किया जाय.

अगर आम लोग पदाधिकारियों के बेलगाम रवैये के खिलाफ कुछ बोल भी ना सकें तो इंसाफ की बात बेमानी है. जो वकील आम लोगों के लिए आवाज़ उठाते हैं, उन्हें अपमानित किया जा रहा है. ऐसे हालात में वकील कोर्ट में काम करने में असमर्थ हैं और असहज महसूस कर रहे हैं. पुलकित प्रसाद यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया कि कोर्ट के आचरण में सुधार होने की गारंटी मिलने तक आम हित में वकील किसी भी कोर्ट में उपस्थित नहीं होंगे.

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