सुपौल/कोशी नव निर्माण मंच द्वारा तटबन्ध के बीच जारी सर्वे में किसानों की रैयती जमीन बचाने, उसके जटिल प्रक्रियाओं में सुधार, वहां के लोगों के बुनियादी सुविधाओं की गारंटी व कोशी की समाधान के सवाल पर, किसान मजदूर महापंचायत का आयोजन 25 सितम्बर दिन रविवार को बाढ़ आश्रय स्थल, बैरिया मंच पर दिन में 10 बजे से होगा।
उक्त जानकारी सन्गठन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में देते हुए बताया गया है कि भू-सर्वे का कार्य शुरू है सर्वे के लिए राज्य सरकार द्वारा जो नियम और गाइड लाइन बनाई गयी है उससे कोशी तटबन्ध के बीच के रैयतों के जमीन सरकार का होने का खतरा मंडरा रहा है। सन्गठन व अनेक रैयतों की मांग पर पुनः नई गाइड लाईन आयी है परन्तु यह भी प्रक्रिया को जटिल व रैयत के नदी में जाने वाली जमीन की दावेदारी के सम्बन्ध में उलझी हुई है जिसमें सुधार कराते हुए रैयत की जमीन बचाने का सवाल आज भी बेहद जरूरी है।
उसी प्रकार तटबन्ध के बीच के लोगों विस्थापन, बाढ़ राहत, कटाव पीड़ितों को क्षति, शिक्षा , स्वास्थ्य की गारंटी के सवाल आज भी खड़े है। 4 हेक्टेयर तक लगान की माफी के बावजूद किसानों से पूरा लगान वसूल किया जाता है। दफ्तरों में बैठे अफसर तटबन्ध के बीच गए बिना ही बाढ़ कटाव के सम्बन्ध में झूठा रिपोर्ट करते है। हर बार कोशी के लोगों को ठगा जाता है। कोशी के समाधान की बात आज भी जरूरी है
उन्ही सभी सवालों को उठाते हुए किसान मजदूर महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है ।इस महापंचायत में मेधा पाटकर सहित देश के अनेक सामाजिक कार्यकर्ता व किसान नेता भाग लेंगे क्षेत्र के हजारों किसान भी आएंगे।