गीता के बिना ज्ञान अधूरा श्रीकृष्ण अखिल ब्रह्माण्ड के नायक :- कृष्ण क्रांति संघ

मधेपुरा/ शहर के श्रीकृष्ण मंदिर गौशाला परिसर मधेपुरा में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

कृष्ण क्रांति संघ मधेपुरा के बैनर तले दिनांक 12 अगस्त 2022 से 18 अगस्त 2022 तक भागवत कथा का आयोजन किया गया पूजा में कृष्ण क्रांति संघ के उपाध्यक्ष किशोर कुमार यादव सपत्निक जजमान बने एवं 19 अगस्त 2022 को संध्या 07 बजे से स्थानीय कलाकारों के द्वारा भजन-कृतन का आयोजन हुआ और मध्य रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण मनाया जाएगा।

प्रवचनकर्ता रत्न स्वरूप शास्त्री ने बताया कि मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। यह तिथि उसी शुभ घड़ी की याद दिलाती है और सारे देश में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।द्वापर युग में राजा उग्रसेन मथुरा में राज्य करता था। उसके आततायी पुत्र कंस ने उसे गद्दी से उतार दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन बैठा। कंस की एक बहन देवकी थी, जिसका विवाह वसुदेव नामक यदुवंशी नायक से हुआ था।एक समय कंस अपनी बहन देवकी को उसकी ससुराल पहुंचाने जा रहा था।

रास्ते में आकाशवाणी हुई- ‘हे कंस, जिस देवकी को तू बड़े प्रेम से ले जा रहा है, उसी में तेरा काल बसता है। इसी के गर्भ से उत्पन्न आठवां बालक तेरा वध करेगा।’ यह सुनकर कंस वसुदेव को मारने के लिए उद्यत हुआ।

तब देवकी ने उससे विनयपूर्वक कहा- ‘मेरे गर्भ से जो संतान होगी, उसे मैं तुम्हारे सामने ला दूंगी। बहनोई को मारने से क्या लाभ है?’ कंस ने देवकी की बात मान ली और मथुरा वापस चला आया। उसने वसुदेव और देवकी को कारागृह में डाल दिया।

वसुदेव-देवकी के एक-एक करके सात बच्चे हुए और सातों को जन्म लेते ही कंस ने मार डाला। अब आठवां बच्चा होने वाला था। कारागार में उन पर कड़े पहरे बैठा दिए गए। उसी समय नंद की पत्नी यशोदा को भी बच्चा होने वाला था।

उन्होंने वसुदेव-देवकी के दुखी जीवन को देख आठवें बच्चे की रक्षा का उपाय रचा। जिस समय वसुदेव-देवकी को पुत्र पैदा हुआ, उसी समय संयोग से यशोदा के गर्भ से एक कन्या का जन्म हुआ, जो और कुछ नहीं सिर्फ ‘माया’ थी।जिस कोठरी में देवकी-वसुदेव कैद थे, उसमें अचानक प्रकाश हुआ और उनके सामने शंख, चक्र, गदा, पद्म धारण किए चतुर्भुज भगवान प्रकट हुए। दोनों भगवान के चरणों में गिर पड़े। तब भगवान ने उनसे कहा- ‘अब मैं पुनः नवजात शिशु का रूप धारण कर लेता हूं।

तुम मुझे इसी समय अपने मित्र नंदजी के घर वृंदावन में भेज आओ और उनके यहां जो कन्या जन्मी है, उसे लाकर कंस के हवाले कर दो। इस समय वातावरण अनुकूल नहीं है। फिर भी तुम चिंता न करो। जागते हुए पहरेदार सो जाएंगे, कारागृह के फाटक अपने आप खुल जाएंगे और उफनती अथाह यमुना तुमको पार जाने का मार्ग दे देगी।

उसी समय वसुदेव नवजात शिशु-रूप श्रीकृष्ण को सूप में रखकर कारागृह से निकल पड़े और अथाह यमुना को पार कर नंदजी के घर पहुंचे। वहां उन्होंने नवजात शिशु को यशोदा के साथ सुला दिया और कन्या को लेकर मथुरा आ गए। कारागृह के फाटक पूर्ववत बंद हो गए।

अब कंस को सूचना मिली कि वसुदेव-देवकी को बच्चा पैदा हुआ है। उसने बंदीगृह में जाकर देवकी के हाथ से नवजात कन्या को छीनकर पृथ्वी पर पटक देना चाहा, परंतु वह कन्या आकाश में उड़ गई और वहां से कहा- ‘अरे मूर्ख, मुझे मारने से क्या होगा? तुझे मारनेवाला तो वृंदावन में जा पहुंचा है। वह जल्द ही तुझे तेरे पापों का दंड देगा।

कल निकलेगी भव्य शोभायात्रा : कृष्ण क्रांति संघ के अध्यक्ष अजय प्रसाद एवं श्रीकृष्ण सेना के अध्यक्ष राहुल यादव ने बताया कि 20 अगस्त 2022 को दिन के 04 बजे से गौशाला परिसर से विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया जा रहा है जिसके लिए आमजनों को आमंत्रित भी किया गया है।

विभिन्न स्कूलों की झाँकी रहेगा आकर्षक का केंद्र : कृष्ण क्रांति संघ के संरक्षक सह भेलवा के मुखिया परमेश्वरी प्रसाद यादव ने बताया कि भगवान के झाँकी के लिए विभिन्न स्कूल के बच्चे आकर्षक मुद्रा में शोभायात्रा में भाग लेंगे जो कि आकर्षण का केंद्र रहेगा।

इस अवसर पर सचिवराजेश कुमार मेहता,कोषाध्यक्ष कृष्ण कुमार, कार्यालय प्रभारी राकेश कुमार सहित अन्य भक्त गन उपस्थित रहे।

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